सभी चीजें कृत्रिम हैं, क्योंकि प्रकृति ईश्वर की कला है.
- मैंने पूरी ज़िन्दगी वहां कांटे निकालने और फूल लगाने का प्रयास किया है जहाँ वो विचारों और मन में बड़े हो सके.अनुकूल बनें या नष्ट हो जाएं, अब या कभी भी, यही प्रकृति कि निष्ठुर अनिवार्यता है.पानी की याददाश्त उत्तम होती है,वो हमेशा वहीं जाने का प्रयास करता हैऔर वो दिन आ गया जब कली के अन्दर बंद रहने का जोखिम खिलने के जोखिम से अधिक दर्दनाक था.पतझड़ एक दूसरे बसंत की तरह है जब सभी पत्तियां फूल बन जाती हैं.पक्षी तूफ़ान गुजरने के बाद भी गाना गाते हैं; क्यों नहीं लोग भी जो कुछ बचा है उसी में प्रसन्न रहने के लिए खुद को स्वतंत्र महसूस करते हैं .चीजों के प्रकाश में सामने आओ, प्रकृति को को अपना शिक्षक बनने दो.पृथ्वी और आकाश, जंगल और मैदान ,झीलें और नदियाँ , पहाड़ और समुद्र, ये सभी उत्कृष्ट शिक्षक हैं, और हम में से कुछ को इतना कुछ सीखाते हैं जितना हम किताबों से नहीं सीख सकते. हर फूल प्रकृति में खिली आत्मा है.
- अपनी पहली सांस लेने के पहले के नौ महीने छोड़ दिया जाए तो इंसान अपने काम इतने अच्छे ढंग से नहीं करता जितना कि एक पेड़ करता है .फूल सबसे प्यारी चीजें हैं जिसे भगवान ने बनाया पर उसमे आत्मा डालना भूल गए.आशा ही एक ऐसी मधुमक्खी है जो बिना फूलों के शहद बनाती है.मेरा मानना है कि यदि कोई हमेशा आकाश की तरफ देखे तो उसके पर निकल आयेंगे.प्रकृति की सभी चीजों में कुछ ना कुछ अद्भुत है.अपना चेहरा सूर्य के प्रकाश के तरफ रखिये और आपको कोई परछाई नहीं दिखाई देगी
- मनुष्य ने आगे की चीजें देखने और अनुमान लगाने कि क्षमता गवां दी है. उसका अंत पृथ्वी का विनाश करने से होगा
- . प्रकृति माँ इस साल भले माफ़ कर दें , या अगले साल भी, पर अंत में वो आएँगी और आपको सजा देंगी. आपको तैयार रहना होगा.यही सोचेंगे की हम हर समय ख़ुशी से पागल रहते होंगे कि हमारे पास ऐसी चीजें हैं.कुछ लोग बरसात में चहलकदमी करते हैं,और बाकी बस भीगते हैंवो जो मधुमक्खी के छत्ते के लिए ठीक नहीं है वो मधुमक्खी के लिए भी अच्छा नहीं हो सकता.
- आप सबको प्रकृति और मनुष्य का क्या relation है ये तो पता ही होगा । पर मै आज आपसे मनुष्य और प्रकृति के एक अलग ही relationship के बारे मे बात करूँगा। और वो रिलेशन है Teacher और Student का । जी हाँ , प्रकृति ही हमारी सबसे बड़ी Teacher है। ये हमे हर पल कुछ न कुछ सीखाती रहती है बस जरूरत है तो थोड़ा ध्यान देने का । आज तक मनुष्य ने जो कुछ भी हासिल किया है वो प्रकृति से सीख लेकर ही किया है। न्यूटन को gravity का पाठ प्रकृति ने ही सीखाया है। कई अविष्कार भी प्रकृति से प्रेरित है। इन सबके अलावा प्रकृति हमे ऐसे गुण भी सीखाती है जिससे हम अपने जीवन मे सकारात्मक परिवर्तन ला सकते है और इसे बेहतर बना सकते हैँ। वैसे इसकी List तो बहुत लम्बी हो सकती है पर मै यहाँ ऐसी 5 चीजे ही share कर रहाँ हूँ जो हम प्रकृति से सीख सकते है:
NATURE से हमे सब कुछ मिलता हैं .हम सब प्रकृति के ही बच्चे हैं .प्रकृति से हमे सुन्दरता मिलती हैं .हम जो भी चाहे प्रकृति से ले सकते हैं .हमे NATURE के बारे में सोचना चाहिए की प्रकृति ने हमे कितना कुछ दिया हैं !
इतने सुंदर फुल ,पेड,नदियाँ,झीले ,नहरे ,आसमान.बादल ,मौसम ,बारिश .ये सब इतने सुंदर दृश्य हैं !लोग इन सब के बारे में नहीं सोचते हैं . अगर हम IMAGINE करे तो प्रकृति बहुत ही सुंदर हैं .हमारे आस पास देखने को भी बहुत कुछ हैं .हमे सोच के देखना चाहिए की हमारा WORLD बहुत ही अच्छा हैं !
Great thinking for beautiful nature
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